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Fundamental of partnership

 साझेदारी क्या है ?

उत्तर • साझेदारी अधिनियम 1932 के अनुसार  साझेदारी से आशय दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच का एक ऐसा अनुबंध हैं जो किसी ऐसे व्यापार के लाभ को बांटने के लिए सहमत हुए हैं जो उन सबके द्वारा या उनमें से किसी एक के द्वारा संचालित किया जाता हैं|

 

साझेदारी की विशेषता क्या क्या होती है?

निम्न लिखित विशेषताएं साझेदारी की होती हैं

1 दो या दो से अधिक व्यक्ति -साझेदारी फर्म में दो या दो से अधिक व्यक्ति होते है जो व्यापार का संचालन करते है

2 अनुबंध का होना -साधेदारो के मध्य एक्छिक अनुबंध होता है जो लाभ एवम् हानि को बाटने में सहायता करता हैं

3 व्यापार का होना -साझेदारी में किसी वैध व्यापार का होना आवश्यक होता हैं

4 व्यापार संचालन - साझेदारी में व्यापार का संचालन सभी के द्वारा या किसी एक के द्वारा किया जाता है,

5 लाभ विभाजन- साझेदारी में लाभ हानि का विभाजन साझेदारो द्वारा निश्चित किए गए अनुपात में किया जाता हैं।

साझेदारी संलेख क्या है?

उत्तर - भारतीय साझेडारी अधिनियम 1932 के अनुसार साझेदारी संलेख एक ऐसा लिखित प्रपत्र है जिसमे साझेदारी से संबंधित सभी नियम एवम् सर्तो का उल्लेख होता हैं।

साझेडारी संलेख के आभाव में लागू होने वाले नियम कौन कौन से हैं?

साझेडारी संलेख के आभाव में लागू होने वाले नियम निम्नलिखित है
1किसी भी साझेदार को वेतन नहीं दिया जाता।

2 किसी भी साझेदार को बोनस या कमीसन नही दिया जाता।

3 किसी भी साझेदार को पूंजी पर ब्याज नहीं दिया जाता

4 किसी भी साझेदार से आहरण पर ब्याज नहीं लिया जाता।

5 अतिरिक्त पूंजी (ऋण) पर 6% वार्षिक की दर से ब्याज दिया जाता हैं।

6 लाभ हानि का विभाजन बराबर अनुपात में किया जाता है

  • लाभ हानि नियोजन खाता क्या है?

 
उत्तर - साझेडारी फर्म द्वारा वर्ष भर में अर्जित किए गए लाभ को साझेदारो के मध्य वितरण के लिए जिस खाते का प्रयोग किया जाता हैं,लाभ हानि नियोजन खाता कहलाता हैं।

लाभ हानि नियोजन खाता को कुछ और नाम से भी जाना जाता है,l

जैसे - लाभ हानि वितरण खाता

लाभ हानि विभाजन खाता ,
लाभ हानि आयोजन खाता


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