कक्षा 12वी के अकाउंट विषय का दूसरा अध्याय
साझेडारी फर्म का पुनर्गठन से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए है
1 साझेदारी के पुनर्गठन से आप क्या समझते है?
उत्तर - साझेदारी के पुनर्गठन से आशय साझेदारी अनुबंध में किसी भी कारण से होने वाले परिवर्तन से है पुराने अनुबंध के भंग होने तथा नया अनुबंध का बनना ही साझेदारी का पुनर्गठन कहलाता हैं
साझेदारी के पुनर्गठन के कौन कौन से कारण है
साझेदारी का पुनर्गठन निम्नलिखित परिस्थियो में हों सकता हैं
1 नए साझेदार का प्रवेश - साझेदारी फर्म में किसी नए साझेदार के प्रवेश पर फर्म का पुनर्गठन हो जाता हैं।
2 अवकाश ग्रहण पर- जब कोई साझेदार फर्म से अवकाश ग्रहण करता है तब लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन होता हैं जिसमे साझेदारी फर्म का पुनर्गठन हो जाता हैं।
3 साझेदार की मृत्यू पर - यदि किसी साझेदार की मृत्यू हो जाता हैं तो उस स्थिति में भी लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन होता हैं जिसमे साझेदारी फर्म का पुनर्गठन हो जाता हैंं।
4 आपसी मतभेद - यदि साझेदारो के मध्य किसी भी प्रकार का आपसी मतभेद होता हैं तो भी अनुबंध में परिवर्तन होता है।
लाभ विभाजन अनुपात क्या है?
उत्तर - फर्म को होने वाले लाभ या हानि को साझेदार जिस अनुपात में बाटने के लिए सहमत होते है
उसे साझेदारो का लाभ विभाजन अनुपात कहते हैं।
नया अनुपत क्या है
उत्तर - साझेदारी फर्म में किसी साझेदार के प्रवेश तथा मृत्यू होने से पुराना लाभ विभाजन में परिवर्तन स्वरूप एक नया लाभ विभाजन अनूपत बांटा है जिसे नया अनुपात कहते है।
त्याग अनुपाय क्या है?
उत्तर -नए साझेदार के प्रवेश के समय पुराने साझेदार नए साझेदार के पक्ष में जितना भाग त्याग करते हैं वही उनका त्याग अनुपात कहलाता हैं।
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